Saturday, April 29, 2023

जयशंकर प्रसाद की लोकप्रिय कहानियां

जयशंकर प्रसाद की लोकप्रिय कहानियांजयशंकर प्रसाद की लोकप्रिय कहानियां by Jaishankar Prasad
My rating: 4 of 5 stars

जयशंकर प्रसाद के द्वारा लिखे गए कथाएँ भारतीय साहित्य के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उनकी कहानियों में समाज की विभिन्न वर्गों की समस्याओं को विस्तार से वर्णन किया गया है। उनकी कहानियां आधुनिकता की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जयशंकर प्रसाद ने अपनी कहानियों में समाज के दुख-दर्द को आँखों के सामने रखा है।

उनकी कहानियों में सभ्यता, संस्कृति और विभिन्न सामाजिक विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है। उनकी लेखनी में एक गहराई है जो अन्य लेखकों से अलग है। जयशंकर प्रसाद के कथानक और समस्याओं को जीवंत करने की क्षमता काफी अधिक है। उनकी कहानियों में व्यक्ति का विकास और समाज की समस्याओं को सुलझाने की कला अत्यंत सुंदर तरीके से दिखाई देती है।

कुछ प्रसंशनीय व स्मरणीय गद्यांश
जब वसंत की पहेली लहर अपना पीला रंग सीमाई खेतों पर चढ़ा लायी, काली कोयल ने उसे बरजना आरम्भ किया और भौं रे गुनगुनाकर कानाफूसी करने लगे। …
अकस्मात नदी का जल स्थिर हो गया और अपने मरकत-मृणाल पर एक सहस्रदल मणि-पद्म जल-तल के ऊपर आकर नैश-पवन में झूमने लगा। लहरों में स्वरों के उपकरण से मूर्ती बानी, फिर नूपुरों के झंकार होने लगी। धीर मंथर गति से तरल आस्तरण पर पैर रखे एक छवि आकर उस कमल पर बैठ गयी। …
अमल-धवल चन्द्रिका तुषार से घनीभूत हो रही थी। ...
सौंदर्य हैं, कैसे हिमानीमण्डित उपत्यका में वसंत की फूली हुई वल्लरी पर मध्याह्न का आतप अपनी सुखद काँटी बरसा रहा हो। …
वही आकुलता, वही सान्निध्य के पुकार,प्रबल प्रहार से व्यथित की कराह मोटर की दंभ भरी भीषण भों-भों में विलीन होकर भी वायुमंडल में तिरने लगी। …
दीर्घ निःश्वासों का क्रीड़ा-स्थल, गरम-गरम आँसुओं का फूटा हुआ पात्र, कराल काल की सारंगी, एक बुढ़िया का जीर्ण कंकाल, जिसमें अभिमान के लय में करुणा की रागिनी बजा करती है। …
वन्य कुसुमों के झालरें सुख-शीतल पवन से विकम्पित होकर चारों और झूल रही थीं। छोटे-छोटे झरनों की कुल्याएँ कतराती हुई बह रही थीं। लता-वितानों से ढकी हुई प्रकिर्तिक गुफाएं शिल्प रचना-पूर्ण सुन्दर प्रकोष्ठ बनतीं, जिनमें पागल कर देने वाली सुगंध की लहरें नृत्य करती थीं। स्थान-स्थान पर कुंजों पुष्प-शय्याओं का समारोह, चोट-छोटे विश्राम गृह, पान-पत्रों से सुगन्धित मदिरा भांति-भांति के सुस्वादु फल-फूल वाले वृक्षों के झुरमुट, दूध और मधु की नहरों के किनारे गुलाबी बादलों का क्षणिक विश्राम।
इन कहानियों में सभी वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व का प्रयास किया गया है। लेखक ने अपनी कहानियों में गरीबी, दलित और महिलाओं की समस्याओं को भी दर्शाया है।

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