My rating: 3 of 5 stars
इस लघु उपन्यास ने जो पाठकों में दशकों से उत्तेजना जगाई है वह मुझे नहीं दिखी। संभवतः कथा का प्रतीकवाद (symbolism) मेरी बूझ के बाहर था; कदाचित मेरे दृष्टिकोण से वर्तमान सन्दर्भ में यह सात उप-कथाओं का संग्रह अप्रासंगिक हो सकती हैं ।
लेखक की मुख्य पात्रा सदैव रोती रहती हैं - यह अच्छा नहीं लगता। गुनाहों का देवता में भी सुधा प्रायः अकारण घंटों रोती बिलखती रहती।
यह वाक्य पसंद आया
प्यार आत्माओं की गहराईयों में सोये हुए सौंदर्य के संगीत को जगा देता है, हममें अजब-सी पवित्रता, नैतिक निष्ठा और प्रकाश भर देता हैभूमिका में सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' के कुछ शब्द लेखक की प्रशंसा के लिए उल्लेखनीय है
धर्मवीर भारती हिंदी की उन उठती हुई प्रतिभाओं में से हैं जिन पर हिंदी का भविष्य निर्भर करता है और जिन्हें देखकर हम कह सकते हैं की हिंदी उस अंधियारे अंतराल को पार कर चुकी है जो इतने दिनों से मानो अंतहीन दीख पड़ता था।
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