Wednesday, January 17, 2024

ध्रुव भट्ट कृत अतरापी (The Outsider)

AtarapiAtarapi by Dhruv Bhatt
My rating: 3 of 5 stars

An inspiring yet poignant allegorical tale in the grand tradition of 101 Panchtantra Stories. There is a passing reference to The Mahabharata although the canine bloodline seems to be inverted. Here the son (सारमेय) apparently has an affair with his mother (सरमा); was there a cryptic message in that? I could not decipher the enigma. Here are some extracts
पृथ्वी अनादिकाल से तय किये अपने मार्ग पर घूमती रही। अनादिकाल से धड़कते परम चैतन्य ने अनुभव किया कि इस आसीम ब्रह्माण्ड के कोने में एक पिल्ला अपने स्वभाव के विरुद्ध, एक चित्त होकर पाषाणवत स्थिर बैठ गया।
वातावरण में ठण्ड बढ़ गयी। भोर की नीरव शांति में अचानक कहीं से कोई अनजाना, सूक्ष्म अपानदान जैसा, अश्रव्य स्वर सुनाई दिया।

सामने ही ऊंचे पत्थरों पर से प्रपात के तरह बाह रहा झरना, किनारे पर खड़े वृक्षों के पत्तों को चमकाती हुई चांदनी, झरने के कलकल आवाज़, अचानक ही नव सर्जित किसी नए जगत को देखकर सरमा आश्चर्यचकित होकर देखती रही।

शांत समुद्र, पानी के काम होने पर भी लहरों को उछलने का स्वभाव छोड़ नहीं सका था। पृथ्वी से करोड़ों प्रकाशवर्ष दूर ब्रह्माण्ड के गर्भ में से उठते अनजान, लयबद्ध स्पंदनों का जैसे जवाब दे रहा हो, इस तरह से वह एक के बाद एक छोटी-छोटी मौजों को उछालकर रेतीले तट पर मंद, तालबद्ध ध्वनि करता हुआ, सफ़ेद रेट पर पड़ रही सुबह की कोमल धुप को भिगो रहा था।
विराट अर्धचंद्रकार में विस्तीर्ण किनारे के उत्तरी छोर पर चट्टानों पर से सागर पंछी कलरव करते उड़े। एक पत्थर लुढ़का और उसी पल दूधिया रंग का, लम्बे रोंएदार बालोंवाला, फुर्तीला सारमेय चट्टान पर आ खड़ा हुआ। जैसे इस पूरे दृश्य का अविभाज्य घातक हो, इस तरह वह स्थिर खड़ा रहा।

उसी क्षण प्रकृति अपनी परम मोहिनी के कल्पना साकार करना चाहती हो, इस तरह पश्चिमाक्ष के घने बादलों में से सूर्य ने झाँका। पूर्व दिशा में काले बादलों पर इंद्रधनुष रच गया। अगले ही पल समंदर पर से सागर पंछियों का जत्था उड़ा।
घनघोर बादलों की पृष्ठभूमि में, इंद्रधनुष के नीचे उड़ते जाते शुद्ध श्वेत सागर पंछिओं के पंक्ति, भीगी हुए धरती, गीली चमकती चट्टानें, उस पर खड़ा दूधिया रंग का रोबदार सारमेय। इन सबने मिलकर कदाचित देखने को को मिलता, ऐसा अप्रतिम दृश्य रच दिया।

तीव्रतम बनती शीत ऋतू की ठण्ड ने सूर्य की अनुपस्थिति में जैसे कहर बरपाया हो, ऐसा सन्नाटा छा गया। आकाश में उत्तर-दक्षिण तक फैली हुई आकाश गंगा, किसी सदस्रोता महानद जैसे नक्षत्र, तारों के वृन्द और वायुमंडल के बीच नभ पथ पर सरकते जा रहे थे। अगणित तारक रत्नों की स्वामिनी एक के बाद एक रत्न आकाश में बिछाती जा रही थी।
कोई महारानी अपने रत्न भण्डार के तमाम रहस्य खोल देना के बाद रत्नों के बिछौने पर बैठकर रत्नों के आभा ग्रहण कर रही हो, इस तरह दक्षिणाकाश को भर देती वृशिचक के अंततगत धनु निहारिकाओं में मन्दाकिनी परम तेज से झिलमिला उठी।
The breed of the dogs was indeterminate, the cover photo showed a Pointer in profile, the intelligence could be attributed to a Golden Retriever, although the while haired breed may have been a Samoyed.
The touching ending left me lachrymose.

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