चित्तकोबरा by Mridula Garg
My rating: 3 of 5 stars
उच्च मध्यम वर्ग की एक सुखी विवाहित भारतीय महिला और एक खुशहाल विवाहित स्कॉटिश पुजारी केअंतर्गत व्यभिचारी रिश्ते की निर्भीक कथा। एक संवेदनशील वैवाहिक निजी दृश्य के कारण १९८० में लेखक की गिरफ्तारी और बाद में रिहाई हुई जिसका विवरण पुस्तक के अंत में दिया गया है।
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